बैरागढ़
डेंगू कितना जानलेवा है यह हम सब भली भाति जानते हैं मौसम बदलते ही राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी उचित कदम उठाए जा रहे हैं। उपनगर बैरागढ़ में भी निजी अस्पतालों और पैथालॉजी लैब में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। लेकिन बैरागढ़ के शासकीय सिविल अस्पताल में डेंगू के मरीजों की जांच करने वाली एलीजा टेस्ट मशीन नहीं है।
सिविल अस्पताल में डेंगू मरीज संदिग्ध मिलते हैं तो उनकी डेंगू की बड़ी मशीन से जांच नहीं हो पाती है उन्हें प्रबंधन द्वारा भोपाल के 1250 अस्पताल में भेज दिया जाता है। जबकि बैरागढ़ में भी डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। बैरागढ़ सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की लगभग दो लाख से अधिक आबादी सिविल अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचती है। लेकिन उन्हें समय पर जांच न मिलने के कारण भोपाल या प्रायवेट क्लीनिकों की ओर जाना पड़ता है जिससे उनका खर्चा भी बढ़ जाता है। इससे मध्यम व गरीब वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
डेंगू के लिए कोई सुविधा नहीं मिली
जहां पूरे भोपाल में डेंगू ने पैर पसारे हुए हैं वहीं सिविल अस्पताल में उपचार के लिए कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है जब जांच के लिए 1250 भेजा जा रहा है तो वहीं पर मरीज उपचार करवाने के लिए मजबूर है। बैरागढ़ अस्पताल में समय पर मरीजों को उपचार मिलने की व्यवस्थाएं नहीं सुधारी जा रही है। न ही इसके लिए कोई विशेष शिविर लगाया जा रहा है।