संत हिरदाराम नगर
जीएसटी की मार झेल रहे कपड़ा व्यापारियों की मुसीबते कम नहीं हो रही है। कपड़े से जीएसटी हटाने की मांग कई बार व्यापारी कर चुके हैं लेकिन कपड़े को अब तक जीएसटी मुक्त नहीं किया गया है ना ही उसे सरलीकरण किया गया है जिससे व्यापारियों की परेशानी कम हो सके।
संत नगर व्यापारिक क्षेत्र के नाम से प्रसिद्व है यहां पर दूर-दूर से ग्राहक कपड़ा खरीदने के लिए पहुंचते हैं ऐसे में यहां के व्यापारी जीएसटी की मार झेल रहे है जिसकी वजह से कपड़ा बाजार दीवाली के समय मंदी के दौर से गुजरा है। ऐसे व्यापारी प्रदेश के बाहर से खरीदी नहीं कर सकते है दूसरे जिस थोक व्यापारी से वे माल खरीदेंगे उसे तो पांच प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा। जिसका सीधा असर ग्राहक पर पडे़गा। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी को व्यापारियों के लिए सरल किया जाए।
हर माह रिटर्न भरने में हो रही परेशानी
कपड़ा व्यापारी को हर माह की 20 तारीख को खरीदी बिक्री का रिकार्ड देना पड़ रहा है साथ ही उसमें जो टैक्स भी चुकना पड़ता है यहीं नहीं उन्हें हर तीन माह में भी जीएसटी के लिए रिकार्ड भेजना पड़ता है। व्यापारियों का कहना है कि इस टेंशन के कारण वे न तो सही से ढंग से कारोबार कर पा रहे है न ही शहर से बाहर जा पा रहे है उन्हें हर माह हिसाब देने की चिंता रहती है। इस रिकार्ड के लिए रखने के लिए वकीलों और सीए की फीस भी अधिक बढ़ गई है।
वर्जन-
कपड़े को जीएसटी मुक्त किया जाना चाहिए या उसे सरलीकरण किया जाए। हर मा रिर्टन भरने में परेशानी होती है। वकीलों और सीए को अधिक फीस देना पडता है। कपड़ा हर इंसान की पहली जरूरत है उसे जीएसटी मुक्त रखना चाहिए।
नानक चंदनानी, पूर्व अध्यक्ष कपड़ा संघ